August 28, 2025
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लेडी ऑफ द लेक” – मछली: एक बाघिन नहीं, एक रानी थी वो

  • August 7, 2025
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रणथंभौर की वादियों में एक ऐसी बाघिन ने जन्म लिया, जिसने न सिर्फ जंगल पर राज किया बल्कि इंसानों के दिलों में भी अमर हो गई। मछली, जिसे

लेडी ऑफ द लेक” – मछली: एक बाघिन नहीं, एक रानी थी वो

पेंच नेशनल पार्क में जंगल के किनारे पानी पीता हुआ रॉयल बंगाल टाइगर

रणथंभौर की वादियों में एक ऐसी बाघिन ने जन्म लिया, जिसने न सिर्फ जंगल पर राज किया बल्कि इंसानों के दिलों में भी अमर हो गई। मछली, जिसे प्रेम से ‘लेडी ऑफ द लेक’ और ‘क्वीन ऑफ रणथंभौर’ कहा जाता है, आज भी वाइल्डलाइफ प्रेमियों और फ़ोटोग्राफ़रों की यादों में ज़िंदा है।

‘लेडी ऑफ द लेक’ क्यों कहा गया?

राजबाग झील के पास उसकी मौजूदगी और वहां उसका आराम फरमाना इतना आम था कि लोग उसे Lake Queen कहने लगे। मछली को पानी से बेहद लगाव था, और उसकी ख़ूबसूरत झीलों में तैरती हुई तस्वीरें आज भी इंटरनेट पर वायरल होती हैं।

एक माँ, एक योद्धा, एक मिसाल

  • मछली का जन्म 1996 में रणथंभौर नेशनल पार्क में हुआ।
  • उसका नाम उसके चेहरे के मछली जैसे निशान पर पड़ा।
  • वह शुरू से ही एक स्वतंत्र, बहादुर और समझदार शिकारी रही।

मछली न केवल एक शानदार शिकारी थी, बल्कि उसने 11 शावकों को जन्म देकर अपनी विरासत भी छोड़ी — जो आज रणथंभौर, सरिस्का और अन्य बाघ अभयारण्यों में देखे जाते हैं।

मगरमच्छ से भिड़ंत – जब बाघिन ने दिखाई हिम्मत

मछली के किस्सों में सबसे चर्चित कहानी है —
जब उसने एक बड़े मगरमच्छ से अकेले भिड़कर उसे हरा दिया।यह उसकी निडरता और जंगल पर पकड़ का सबसे बड़ा प्रमाण है।

नदी किनारे मगरमच्छ पर हमला करता हुआ एक तेंदुआ – जंगल में शिकारी बनाम शिकारी की जंग

दुनियाभर की निगाहें

  • मछली को दुनिया की सबसे ज़्यादा फ़ोटोग्राफ़ की गई बाघिन माना जाता है।
  • नेशनल जियोग्राफिक, BBC और डिस्कवरी जैसे चैनलों ने उस पर डॉक्युमेंट्री बनाई।

हर टूरिस्ट चाहता था उसे एक बार लाइव देखना। वह रणथंभौर टाइगर सफारी की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी थी।

मछली की विदाई – मगर विरासत ज़िंदा है

2016 में मछली ने आखिरी साँस ली।
लेकिन उसका सफर यहीं नहीं थमा —
उसकी संतानों ने उसकी विरासत को आगे बढ़ाया।

आज भी रणथंभौर की हर झील, हर पेड़ और हर जंगल उसकी कहानी कहता है।

क्यों है मछली आज भी प्रेरणा?

  • साहस की प्रतीक
  • मातृत्व की मिसाल
  • स्वतंत्रता का प्रतीक
  • और प्राकृतिक सुंदरता की रानी

मछली हमें सिखाती है कि आप चाहे जंगल में हों या जीवन की किसी चुनौती में —
अगर हिम्मत है, तो आप रानी बन सकते हैं।

मछली की कहानी क्यों जानना जरूरी है?

आज जब हम जंगलों की रक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के अधिकारों की बात करते हैं, तब मछली की कहानी एक आइकन बनकर सामने आती है। उसकी यात्रा हमें सिखाती है कि एक जानवर भी पूरी दुनिया को बदल सकता है — अपनी सुंदरता, शक्ति और दयालुता से।

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देखिए उस जंगल को, जिसकी रानी कभी मछली थी।

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